Travel Tips: जून से सितंबर के महीने तक होती है लगातार बारिश, क्या है त्र्यंबकेश्वर का रहस्य, जानिये !

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आपको बता दें कि भगवान शिव का आठवां ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में है और इस ज्योतिर्लिंग का नाम त्र्यंबकेश्वर है। यह मंदिर नासिक से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस मंदिर में हर समय भक्तों की भीड़ लगी रहती है लेकिन त्र्यम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग के सबसे अच्छा समय सावन के महीने को माना जाता है। इस भव्य मंदिर के निर्माण को लेकर बताया जाता है कि इसका निर्माण तीसरे पेशवा बालाजी बाजीराव ने लगभग 1740 से 1760 के आसपास एक पुराने मंदिर की जगह पर करवाया था। इस मंदिर में सावन के महीने में पूजा और दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है आइए जानते हैं. आइए जानते है इस मंदिर के बारे में विस्तार से -

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* इस बात को जानकर आपको हैरानी होगी कि महाराष्ट्र में स्थित इस त्र्यंबकेश्वर में चतुर्मास यानी जून से लेकर सिंतबर तक लगातार बिना रुके बारिश होती रहती है। इस बारिश के पीछे एक कहानी बताई जाती है और माना जाता है कि गौतम ऋषि के तब के प्रभाव से यहां पर हर साल इन महीनों के दौरान बिना रुके बारिश होती है।


* इस जगह को लेकर ऐसा माना जाता है कि गौतम ऋषि ने यहां सबसे पहले द्राक्ष और अंगूर का फल लगाया। और प्राचीन काल में ये जगह त्र्यंबक गौतम ऋषि की तपोभूमि थी। अपने ऊपर लगे गौ हत्या के पाप से छुटकारा पाने के लिए गौतम ऋषि ने इस जगह पर कठोर तप करके शिव से गंगा को यहां अवतरित करने का वरदान मांगा था और इस वरदान के फल स्वरुप दक्षिण की गंगा आरती गोदावरी नदी का उद्गम हुआ था। 

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* वैसे तो इस जगह पर हर समय ही भक्तों की भीड़ लगी रहती है लेकिन सावन का महीना त्र्यम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। क्योंकि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करना और दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है।


* अगर आप भी इस जगह पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि यहां पर सुबह 5:00 बजे से लेकर रात को 8:00 बजे तक दर्शन करने के लिए जा सकते हैं और मुकुट दर्शन के लिए सोमवार को शाम 4:00 से 5:00 के बीच में जा सकते हैं।