Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार मां सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए बसंत पंचमी पर इस दिशा में लगाए प्रतिमा !

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वास्तु शास्त्रों में बताया गया है कि बसंत पंचमी का त्यौहार हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है इस दिन ज्ञान और बुद्धि तथा कला की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है ऐसा कहा जाता है कि इस दिन मां सरस्वती की आराधना करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है देखा जाता है कि बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर लोग मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर खरीदे हैं और अपने घरों में लगाते हैं। लेकिन ऐसे में यह बात जानना बहुत जरूरी है कि उनकी प्रतिमा या तस्वीरों को वास्तु शास्त्र के अनुसार लगाया जाए तभी उनका आशीर्वाद मिल पाता है। वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करने से ही मां सरस्वती की असीम कृपा प्राप्त होती है आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं मां सरस्वती की प्रतिमा को लगाने के लिए बताए गए वास्तु नियम -

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* वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि यदि आप भी बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर खरीद कर ला रहे हैं तो इस तस्वीर को हमेशा उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। ऐसा करने से लोगों को शिक्षा संबंधित कार्यों में सफलता मिलने लगती है और उनके सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरे होने लगते हैं।


* वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि यदि आप मां सरस्वती की प्रतिमा को किसी कारणवश उत्तर दिशा में नहीं लगा सकते हैं तो आप इस मां सरस्वती की प्रतिमा को ईशान कोण में भी लगा सकते हैं। ईशान कोण में प्रतिमा लगाकर पूजा करने से भी मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है।

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* वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि कभी भी मां सरस्वती की प्रतिमा खड़ी हुई मुद्रा में नहीं लगानी चाहिए। खड़ी हुई मुद्रा में मूर्ति स्थापित करना शुभ नहीं माना जाता है इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार मां सरस्वती की प्रतिमा हमेशा कमल के फूल पर विराजमान मुद्रा में लगानी चाहिए।


* वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि जब भी आप मां सरस्वती की प्रतिमा खरीदने जा रहे हो तो हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि मूर्ति किसी भी जगह से खंडित नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही पूजा स्थल पर एक साथ मां सरस्वती की दो मूर्ति स्थापित कभी भी नहीं करनी चाहिए।