Holi Special 2023: होलिका दहन के दिन क्यों लगाया जाता है उबटन, जानें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसका महत्व

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क। होली का त्योहार हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन लोग पूरी तरह से रंगों में डूब जाते हैं और एक दूसरे को गले लगाकर बुराई पर अच्छाई का जश्न मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन खेला जाने वाला रंग और गुलाल आपसी प्रेम और सद्भाव को बढ़ाता है। रंगों के त्योहार होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन होता है, जिसमें सभी बुराइयों को खत्म करने की प्रार्थना की जाती है। मान्यता है कि होलिका की अग्नि में सभी बुराइयां और बुराइयां जल कर भस्म हो जाती हैं। इस दिन घर की सुख-समृद्धि के लिए कई तरह के उपाय अपनाए जाते हैं और मनोकामना पूर्ति के लिए कई तरह के उपाय आजमाए जाते हैं।
ऐसे ही कुछ उपायों में से एक है होलिका दहन के दिन शरीर पर उबटन लगाना। मान्यता है कि होलिका दहन के दिन घर के सभी सदस्यों को हल्दी और आटे का लेप शरीर पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर की सारी बुराइयां दूर हो जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो भी होलिका दहन के दिन उबटन लगाना बेहद शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं नारद संचार के ज्योतिषाचार्य अनिल जैन से होलिका दहन के दिन उबटन लगाने के महत्व के बारे में।
उबालने का वैज्ञानिक महत्व
अक्सर लड़कियां खूबसूरती बढ़ाने के लिए त्वचा पर तरह-तरह के उबटन लगाती हैं। उबटन को त्वचा पर लगाने से जहां एक ओर त्वचा में निखार आता है, वहीं उबटन में प्रयोग की जाने वाली हल्दी त्वचा को कई प्रकार के विकारों से बचाती है। अगर शरीर में किसी तरह का घाव हो भी गया हो तो वह भी हल्दी के प्रभाव से ठीक हो जाता है। इसलिए इस दिन पूरे शरीर पर हल्दी पाउडर लगाया जाता है।
उबटन को शुभ कार्यों में लगाया जाता है
मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। इसी वजह से शादी जैसे शुभ कार्य में भी दूल्हा-दुल्हन को हल्दी का चूर्ण लगाया जाता है। मलाई में प्रयोग की जाने वाली हल्दी घर में शुभता और सद्भाव का प्रतीक है, इसलिए होली के त्योहार में भी घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए हल्दी की रगड़ का प्रयोग किया जाता है।
होलिका दहन में उबटन लगाने का ज्योतिषीय महत्व
होलिका दहन (होलिका दहन का शुभ मुहूर्त) के दिन सदियों से चली आ रही उबटन लगाने की प्रथा आज भी बरकरार है। उबटन लगाने का ज्योतिषीय महत्व बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन के दिन यदि घर के सभी लोग शरीर में खौलते पानी में हल्दी मिलाकर शरीर से निकाले गए पानी को होलिका की अग्नि में डाल दें तो घर के सारे दोष दूर हो जाते हैं। होलिका की अग्नि में हवन करने से शरीर रोगमुक्त हो जाता है। माना जाता है कि होलिका दहन में उबटन प्रवाहित करने से शरीर के सारे रोग भी दूर हो जाते हैं।
उबटन कैसे लगाएं
ज्योतिषी अनिल जैन जी बताते हैं कि होलिका दहन के दिन महिलाएं अपने घरों में सरसों के दाने पीसकर उसमें हल्दी, दही, शहद मिलाकर उबटन लगाती हैं। घर के सभी सदस्य उबटन से अपने शरीर की मालिश करते हैं और इसे अपने शरीर से बाहर निकालते हैं। बुराई का प्रतीक माने जाने वाले उबटन को शरीर पर घिसने के बाद होली दहन के समय होलिका में एकत्र कर जलाया जाता है।
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शास्त्र क्या कहते हैं
शास्त्रों में माना गया है कि होलिका अपने साथ शारीरिक कष्टों को जलाकर आपको साल भर रोग और व्याधियों से दूर रखती है। दूसरा कारण यह भी है कि उबटन लोगों को ऋतु परिवर्तन से होने वाले संभावित कीटाणुओं के हमले से बचाता है और त्वचा रोगों को भी दूर रखता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उबटन में शामिल वस्तुएं बृहस्पति, शनि, शुक्र, चंद्र आदि ग्रहों का प्रतिनिधित्व करती हैं और ये सभी ग्रह सुख-समृद्धि, मानसिक शांति, भाग्य वृद्धि और रोगों के नाश में अहम भूमिका निभाते हैं। इस विधि से इन ग्रहों का उपाय किया जाता है और आपका जीवन वर्ष भर सुखी और समृद्ध बना रहता है।
होलिका दहन के दिन करें ये उपाय
होलिका दहन से ठीक पहले घर के सभी सदस्यों को उबटन तैयार करके पूरे शरीर पर लगाना चाहिए। इस दिन उबटन लगाते समय घर की शांति की प्रार्थना करें और शरीर से निकाले गए उबटन को कागज पर इकट्ठा कर लें। पूरे परिवार के थनों को इकट्ठा करके एक बड़ा आटा तैयार करें और होलिका दहन के बाद गाय के गोबर से बने 11 उपलों के साथ एक मुट्ठी सरसों के दाने लें, होलिका की 7 या 11 बार परिक्रमा करें और उसमें थन और गाय के गोबर को प्रवाहित करें। . परिवार सहित होलिका की अग्नि के सामने खड़े होकर घर की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। सभी को गुलाल का टीका लगाएं और आपसी प्रेम बनाए रखें।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप भी होलिका दहन के दिन शरीर पर उबटन लगाते हैं तो शरीर रोगों से मुक्त हो सकता है।