Religious Tips: जानिए चंदन से जुड़े धार्मिक लाभ और अलग-अलग चंदन का क्या महत्व है..

चंदन के फायदे और उपयोग: दोस्तों आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि चंदन क्या है और हम इससे जुड़ी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि भारतीय चंदन का दुनिया में सबसे ऊंचा स्थान है।चंदन का महत्व है। चंदन को अंग्रेजी में चंदन कहा जाता है। चंदन के पेड़ ज्यादातर कर्नाटक के जंगलों में पाए जाते हैं। चंदन के कई प्रकार पाए जाते हैं और ये भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाते हैं। चंदन का उपयोग न केवल आयुर्वेद में किया जाता है बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी है। किसी भी की पूजा चंदन के बिना देवता पूर्ण नहीं होते हैं पूजा में अनेक प्रकार के चंदन का प्रयोग किया जाता है जैसे लाल चंदन पीला चंदन सफेद चंदन हरि चंदन गोपी चंदन इत्यादि चंदन श्री हरि विष्णु को तिलक लगाने से लेकर उनके मन्त्रों का जाप करने के लिए चंदन की माला का प्रयोग किया जाता है आपकी आस्था ही नहीं बल्कि आपकी मनोकामना से भी जुड़ा है आइए जानते हैं कि अलग-अलग चंदन लगाने का क्या महत्व है?
चंदन क्या है: सबसे पहले अगर हम चंदन के रूप की बात करें तो यह एक सामान्य पेड़ है इसकी लंबी पत्तियां होती हैं इस पौधे की जड़े अन्य पौधों की जड़ों से होस्टरिया की मदद से जुड़ी होती हैं और भोजन पानी और खनिज नीम अमलतास लेती हैं चंदन पर काजू के पेड़ की जड़ें आदि प्रमुख पोषक तत्व हैं अरहर की खेती चंदन के साथ की जा सकती है चंदन का अन्य फसलों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता चंदन भारत का मूल पौधा है यह भारत का मूल निवासी है यह भारत में पाया जाता है भारत के शुष्क क्षेत्रों में विंध्य पर्वतमाला से लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के दक्षिणी क्षेत्रों आदि राज्यों की भूमि चंदन के लिए उपयुक्त मानी जाती है। भारत के अलावा यह ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मलेशिया आदि देशों में भी पाई जाती है। 1792 में एक शाही पेड़ घोषित किया।
सफेद चंदन की मान्यता है कि गले में सफेद चंदन की माला धारण करने से श्री हरि विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और साधक को मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है। माथे पर तिलक लगाने से सभी विपत्तियों से रक्षा होती है और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।सफेद चंदन की माला से महासरस्वती महालक्ष्मी मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का जाप करना विशेष शुभ होता है।
लाल चंदन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शक्ति पूजा में चंदन कन्या का विशेष प्रयोग होता है।रोज सुबह तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल चंदन लाल फूल और चावल डालकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए और भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
गोपी चंदनस्कंद पुराण के अनुसार, गोपी चंदन आमतौर पर भगवान कृष्ण को चढ़ाया जाता है और फिर भक्त इसे अपने माथे पर लगाते हैं। वह भगवान कृष्ण के निवास गोलोक वृंदावन जाते हैं।
हरि चंदन शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु और उनके अवतारों को हरि चंदन का तिलक लगाने के बाद इसे अपने माथे पर लगाएं इससे आपका मन और शरीर शांत होगा साथ ही सम्मान के साथ-साथ हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी तुलसी की टहनियों और जड़ों से हरि चंदन तैयार किया जाता है इसे धारण करने से मनुष्य के रोग और कष्ट दूर होकर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है
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