धर्म डेस्क। भारत में कुंभ का पर्व हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है इस पर्व में करोड़ों श्रद्धालु बढ चढ कर हिस्सा लेते है। कुंभ भारत में प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक इन चार जगह लगता है इसमें करोड़ो श्रद्धालु स्नान करते हैं। इनमें से प्रत्येक स्थान पर प्रति बारहवें वर्ष और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है।
ग्रहों के अद्भूत चाल के कारण इस बार हरिद्वार का कुंभ के मेले के आयोजन किया जाएगा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति के कुंभ राशि और सूर्य के मेष राशि में आने से ऐसा संयोग बनता है जो कि इस बार शिवरात्रि के अवसर यानी की 11 मार्च 2021 में पड रहा है।
इसलिए कुंभ का पहला शाही स्नान 11मार्च होगा वहीं, इस बार कुंभ मेला 48 दिनों के लिए आयोजित किया जाएगा इस बार कोरोना को देखते हुए इसकी समय अबधी कम रखी गई है आमतौर पर इस मेले को 120 दिनों तक मनाया जाता था। आपको बताए भारतिय ग्रंथों के अनुसार कुंभ स्नान की बहुत महिमा है।
विष्णु पुराण के अनुसार कुंभ स्नान में जो व्यक्ति स्नान कर लेता है उसे अश्वमेध यज्ञ करने जैसा फल प्राप्त होता है। कुंभ स्नान करने मात्र से मनुष्य के अपने सभी बूरे कर्मों से मुक्त हो जाता है। और मनुष्य के जीवन का उद्धार हो जाता है।