शिव पुराण के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव के परोपकार का प्रतीक है। रुद्राक्ष का निर्माण शिव के आंसुओं से हुआ था। जमीन से टकराने पर उनके आंसुओं ने बीज का आकार ले लिया। बाद में, उनसे रुद्राक्ष के पेड़ निकले। वैज्ञानिक रूप से, रुद्राक्ष की माला में विद्युत चुम्बकीय गुणों के कारण कई अद्भुत शक्तियां होती हैं।
रुद्राक्ष में पाए जाने वाले केमो फार्माकोलॉजिकल नाम का गुण से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है।
रुद्राक्ष में आयरन, कैल्शियम, सोडियम जैसे कई अन्य तत्व पाए जाते हैं, जिससे नर्वस सिस्टम सही रहता है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में होने के कारण दिल से जुड़ी कोई बीमारी होने के चांसेस नहीं रहते हैं।

रुद्राक्ष पहनने से शरीर का डायबिटीज लेवल भी कंट्रोल में रहते हैं।
रुद्राक्ष पहनने से सभी चिंताएं दूर हो जाती हैं और तनाव भी नहीं होता है।
रुद्राक्ष पहनने से किडनी रोग दूर हो जाते हैं।
रुद्राक्ष कई मुखी होते हैं। दो मुखी रुद्राक्ष पहनने से दिमाग, फेफड़े और आंखों से संबंधित रोग ठीक हो जाते हैं।