इंटरनेट डेस्क :- भारत और विश्व के अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का आज जन्म दिवस है। राकेश शर्मा 13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला शहर में जन्म हुआ था। राकेश भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बने। राकेश को बचपन से विज्ञान में काफी रुचि थी और वह इसके बारे में जानने के बहुत इच्छुक रहते थे। उनकी आदत में इलेक्ट्रॉनिक चीजों को बनाना और उनकी बारीकी को जानना भी शामिल था। पंजाब के पटिआला शहर में जन्मे राकेश भारतीय वायु सेवा में विंग कमांडर थे उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1966 में राष्ट्रिय सुरक्श अकादमी (एनडीए) के जरिए की।
भारतीय भोजन को अंतरिक्ष मे लेकर गये थे राकेश शर्मा
राकेश शर्मा ने मैसूर में स्थित डिफेंस फूड रिसर्च लैब की मदद से भारतीय भोजन को अंतरिक्ष में ले गए थे। उन्होंने सूजी का हलवा, आलू छोलें और सब्जी पुलाव पैक किया था, जिसे राकेश शर्मा अपने अंतरिक्ष यात्रियों के साथ खाया था।
अंतरिक्ष में किया योग
अंतरिक्ष में space sickness से निपटने के लिए राकेश शर्मा ने 'शून्य गुरुत्वाकर्षण योग' का सहारा लिया था।
जब इंदिरा गांधी ने शर्मा से पूछा कैसा दिखता है भारत
जब भारत कि पुर्व पीएम, इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा से पूछा कि भारत अंतरिक्ष से कैसा दिखता है, तो शर्मा ने जवाब मे कहा 'सारे जहां से अच्छा'। उन्होंने आगे कहा कि अंतरिक्ष में सबसे सुंदर क्षण सूर्योदय और सूर्यास्त के थे।
राकेश शर्मा को क्यों कहते हैं 'हीरो ऑफ सोवियत यूनियन'
अंतरिक्ष में पहुचने वाले पहले भारतीय होने के अलावा, राकेश शर्मा पहले भारतीय हैं जिन्हें 'सोवियत संघ के पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है। उन्हें उनके रूसी सह अंतरिक्ष यात्री यूरी मालिशेव और जिनाडी स्ट्रेकालोव के साथ अशोक चक्र से भी सम्मानित किया गया था।
एचएएल में थे शामिल
राकेश शर्मा भारतीय वायु सेना से विंग कमांडर के पद से सेवानिवृत्त हुए। वह 1987 में एचएएल में शामिल हुए और वह एचएएल के नासिक डिवीजन में मुख्य परीक्षण पायलट थे।
अब क्या कर रहे हैं राकेश शर्मा
राकेश शर्मा ने एक भारतीय वायुसेना में स्क्वॉड्रन लीडर की रैंक से अपने अंतरिक्ष का सफर शुरु किया था और विंग कमांडर की रैंक से रिटायर्ड हुए। इस वक्त राकेश शर्मा तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के हिल स्टेशन कूनूर में रहते हैं। वह कुछ समय नीलगिरी मे बिताते है तो कुछ समय बेंगलुरु मे।