खेल डेस्क:- माफी मांगने के बावजूद युवराज सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। पिछले साल भारतीय टीम के इस पूर्व ऑलराउंडर ने युवा खिलाड़ी युजवेंद्र चहल पर जातिसूचक टिप्णणी की थी, जिसके बाद जमकर बवाल हुआ था। पुलिस स्टेशन में एफआईआर तक दर्ज हो गई थी, तब खेद जताते हुए उन्होंने सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना की थी। हरियाणा में हिसार के हंसी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 153, 153A, 295, 505 के तहत यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन विभिन्न धाराओं के अलावा एससी/एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
2019 में कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान युवा खिलाड़ी युजवेंद्र चहल टिकटॉक पर जमकर मौज-मस्ती और डांस वाले वीडियो बना रहे हैं, उसी पर युवराज ने जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया था। कुछ दिन पहले युवराज और रोहित के बीच लाइव सेशन हुआ था। इस दौरान दोनों खिलाड़ियों ने क्रिकेट, कोरोना और अन्य कई मुद्दों पर बातचीत की थी। इसी चर्चा के दौरान युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव का जिक्र आया था। तब युजी का जिक्र छिड़ने पर युवी ने एक जातिसूचक शब्द इस्तेमाल कर दिया और रातों-रात यह एक मुद्दा भी बन गया। ट्विटर पर #युवराज_सिंह_माफी_मांगो ट्रेंड करने लगा था।
माफी भी मांगी थी
मामला बढ़ता देख युवी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर अपनी बात रखी और कहा था, 'मैंने अनजाने में लोगों की भावनाओं को आहत किया। मुझे इसका दुख है।' युवी ने लिखा, 'मैं साफ करना चाहता हूं कि मैं रंग, जाति, पंथ के आधार पर किसी तरह के भेदभाव में यकीन नहीं करता। मैंने लोगों की भलाई के लिए जिंदगी जी है और आगे भी ऐसे ही जीना चाहता हूं। मैं जीवन की गरिमा में विश्वास करता हूं और बिना किसी अपवाद के प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान करता हूं। मैं अपने दोस्तों से बात कर रहा था और उस समय मेरी बात को गलत तरीके से लिया गया, जो अनुचित था। हालांकि एक जिम्मेदार भारतीय होने के नाते मैं कहना चाहता हूं कि अनजाने में अगर मेरी बातों से किसी को दुख पहुंचा है तो मुझे इसका खेद है।’