'मेरे रगों में खून नहीं सिंदूर बह रहा', वाले पीएम मोदी के बयान पर गुस्साए पाकिस्तान ने जारी किया बयान, बताया 'गैरजिम्मेदाराना और भड़काऊ'

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान की एक जनसभा से पाकिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि वे भारत माता की सेवा में सीना तानकर खड़े रहेंगे। उनके शरीर में  खून नहीं, बल्कि गरम सिंदूर बह रहा है। सिंदूर ही बारूद में बदल गया है। मोदी की इस टिप्पणी से पाकिस्तान नाराज है। 24 घंटे के भीतर ही उन्होंने मोदी की टिप्पणी का विरोध करते हुए जवाबी बयान जारी कर दिया। शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से एक लंबा बयान जारी किया गया। उन्होंने दावा किया कि मोदी की टिप्पणी 'गैरजिम्मेदाराना और भड़काऊ' है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, "पाकिस्तान राजस्थान से भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई भड़काऊ, निराधार और गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी को सिरे से खारिज करता है। उनके आरोप तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए और गलत हैं। यह टिप्पणी संकीर्ण राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए की गई थी। एक संप्रभु देश के खिलाफ खुली सैन्य कार्रवाई की धमकी संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। यह क्षेत्र की शांति को भी भंग कर रहा है।"

पाकिस्तान का दावा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। इस्लामाबाद भारतीय नेतृत्व से और अधिक जिम्मेदार और संयमित होने का आग्रह कर रहा है। 22 अप्रैल को पहलगांव में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। उस घटना में भारत ने पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए कई कदम उठाए थे। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में कई आतंकी कैंपों को नष्ट किया गया था। इसके बाद कई दिनों तक भारत और पाकिस्तान के बीच झड़प होती रही। 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्ध विराम पर सहमति बनी। ऐसे में प्रधानमंत्री गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर गए थे।

वहां से उन्होंने कहा, ''जिन लोगों ने भारतीय माताओं और बहनों के माथे से सिंदूर मिटाने की कोशिश की, उन्हें करारा जवाब दिया गया है। 22 अप्रैल के हमले का जवाब सिर्फ 22 मिनट में दिया गया! नौ आतंकी शिविर नष्ट कर दिए गए हैं। पाकिस्तान का रहीम यार खान एयरफोर्स बेस अब आईसीयू में है! जो सिंदूर मिटाने आए थे, उन्हें मिट्टी में मिला दिया गया। अब मेरे शरीर में खून नहीं, सिंदूर बह रहा है। यह बदले का खेल नहीं है, यह न्याय का नया रूप है, जिसे ऑपरेशन सिंदूर कहते हैं।''

पाकिस्तान का दावा है कि मोदी ने यह टिप्पणी आंतरिक संकट से ध्यान हटाने के लिए की। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत अक्सर इस रणनीति का इस्तेमाल करता है। बयान में कहा गया, ''भारत को चुनावी लाभ हासिल करने के लिए युद्ध भड़काने के बजाय कूटनीतिक बातचीत के जरिए समस्या का समाधान करना चाहिए। पाकिस्तान शांतिप्रिय है। लेकिन इसे हमारी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए।''

हम देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान मोदी की टिप्पणियों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करना चाहता था। उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के आक्रामक रुख और नफरत भरे भाषण पर ध्यान देना चाहिए। संघर्ष से किसी को कोई फायदा नहीं है। शांति का रास्ता आपसी संवाद, सम्मान और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुपालन में निहित है।"

पाकिस्तान पर लंबे समय से आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगता रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी बातचीत द्विपक्षीय होगी। कुछ साल पहले भारत ने पाकिस्तान को आतंकवादियों की एक सूची भेजी थी। उन्हें भारत को सौंप दिया जाना चाहिए। जब ​​दोनों देश बातचीत की मेज पर बैठेंगे तभी बातचीत आगे बढ़ सकती है। युद्ध विराम पर सहमति जताने के बावजूद भारत ने अभी भी सिंधु जल संधि को निलंबित कर रखा है।

मोदी ने कहा, "पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।" ऐसे में इस्लामाबाद ने भी मोदी की टिप्पणियों के जवाब में एक बयान जारी किया।