Jyoti Malhotra: पहले पहलगाम, पाकिस्तान और अब चीन..., ज्योति मल्होत्रा ​​जासूसी मामले में आया नया मोड़

PC: Aaj Tak

हरियाणा की मशहूर यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​​को जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल पुलिस ज्योति से गहन पूछताछ कर रही है। इस मामले में एक के बाद एक चौंकाने वाले राज सामने आ रहे हैं। ज्योति मल्होत्रा ​​जासूसी मामले में एक नया मोड़ आ गया है। दरअसल ज्योति मल्होत्रा ​​के पहलगाम हमले से पहले पाकिस्तान और पहलगाम जाने के बारे में तो आप सुन ही चुके होंगे। लेकिन ये सुन कर आपको हैरानी होगी कि ज्योति मल्होत्रा ​​के पाकिस्तान ही नहीं बल्कि चीन से भी दोस्ताना रिश्ते हैं। कुछ महीने पहले वह चीन भी गई थी।

हमले से पहले गई पहलगाम

इस साल अप्रैल में हुए पालगाम हमले से तीन महीने पहले ज्योति मल्होत्रा ​​पाकिस्तान गई थी। यह भी पता चला है कि पाकिस्तानी उच्चायोग के एक कर्मचारी दानिश ने ज्योति को हनी ट्रैप में फंसाया था। दानिश के बारे में कहा जाता है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआईएस से जुड़ा हुआ है। दानिश से ज्योति की बेहद खास दोस्ती है।

चीन भी जा चुकी है ज्योति

ज्योति मल्होत्रा ​​पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है। हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि पहलगाम हमले से पहले यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​​पाकिस्तान गई थी और उसने चीन का दौरा भी किया था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां ​​ज्योति को अपना एजेंट बनाने के लिए तैयार कर रही थीं। उन्होंने खुलासा किया कि ज्योति मल्होत्रा ​​कई बार पाकिस्तान जा चुकी हैं। पहलगाम आतंकी हमले से पहले भी वह पाकिस्तान गई थीं। इसके अलावा वह चीन भी जा चुकी हैं। चीन यात्रा का मकसद अभी पता नहीं चल पाया है। उनकी चीन यात्रा के दौरान के वीडियो भी सामने आए हैं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक शेष पॉल ने किया चौकानें वाला दावा

यूट्यूबर ज्योति को भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक शेष पॉल वैद्य के दावे ने हलचल मचा दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'क्या यह महज संयोग है कि पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी (संभवत: आईएसआई एजेंट) दानिश के हनीट्रैप में फंसी यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​​जनवरी 2025 में पहलगाम गई थीं?' कहा जा रहा है कि वह आईएसआई हैंडलर्स को संवेदनशील जानकारी दे रही थीं। हमारी खुफिया एजेंसियां ​​आमतौर पर ऐसे लोगों पर नजर रखती हैं जो अक्सर पाकिस्तान, चीन और अब बांग्लादेश जैसे दुश्मन देशों या उच्चायोगों का दौरा करते हैं।'