Sheikh Hasina: इसके पहले भी भारत दे चुका हैं शेख हसीना को शरण, इंदिरा गांधी ने रखा दिल्ली में इस जगह पर, जाने क्या था कारण
- byShiv
- 06 Aug, 2024

इंटरनेट डेस्क। बांग्लादेश में हिंसा पहली बार नहीं हुई है। इसके पहले भी ऐसा हो चुका हैं और देश में राष्ट्रपति की हत्या भी हो चुकी है। वहीं अब फिर बांग्लादेश आग में झुलस रहा है। देश में बड़ा सियासी संकट खड़ा हो गया है। शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे कर देश को छोड़ चुकी है। बताया जा रहा है कि शेख हसीना ने भारत में शरण ली है। बता दें कि 49 साल पहले भी 1975 में बांग्लादेश में सेना ने तख्तापलट किया था।

शेख हसीना के परिवार की हुई थी हत्या
मीडिया रिपोटर्स की माने तो 1975 में शेख हसीना की फैमिली को मार डाला गया था। साल 1971 में 16 दिसंबर को भारत ने बांग्लादेश को आजाद कराया था। उसके बाद शेख मुजीबुर रहमान राष्ट्रपति बने थे। आजादी के 4 साल बाद साल 1975 में 15 अगस्त की सुबह सेना ने राष्ट्रपति मुजीबुर रहमान के खिलाफ बगावत कर दी और कुछ अफसरों ने शेख मुजीबुर के आवास पर हमला कर उनपर गोलियों चला दी। इसके बाद उनके बेटे जमाल और दोनों बहुओं को मार डाला गया और छोटे बेटे को भी।

बच गईं थी शेख हसीना
मीडिसा रिपोटर्स की माने तो शेख हसीना और उनकी बहन हमले में बच गई थीं, क्योंकि वो उस वक्त जर्मनी चली गई थीं। शेख हसीना अपने पति एमए जावेद के साथ वहीं थीं। वहीं पर उनकी फैमिली की हत्या की जानकारी मिली। जर्मनी में रहने के दौरान शेख हसीना ने भारत से राजनीतिक शरण देने की मांग की। इसके बाद भारत की तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने शेख हसीना और उनकी बहन को भारत बुलाया था और उनकी फैमिली को दिल्ली के पंडारा रोड पर रहने को घर दिया गया था। करीब 6 साल बाद साल 1981 में शेख हसीना वापस बांग्लादेश लौट गईं थी।
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