Rajasthan: फांसी लटक रहा है युवा वर्ग,कोटा इसमें सब से आगे

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न्यूज डेस्क। बढ़ती  बेरोजगारी और नौकरियों में  बढ़ रही प्रतिस्पर्धा के चलते प्रदेश में सुसाइड के कैसेजो की सुनामी अगायी है। हर दिन इस तरह की घटनाएं बढ़ने लगी है। 
पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक इस बात की धारणाएं रही थी कि सुसाइड के सबसे अधिक मामलों में पारिवारिक तनाव रहा था। मगर अब युवकों और युवतियों की बढ़ती आकांक्षा और खुशियों की कल्पनाओं के चलते वे वास्तविकता से दूर हो जाते है। फ्रस्टेशन के शिकार होने पर अपनी ईह लीला समाप्त करने जैसा कदम उठाने लगे है।
कोटा जिसे डॉक्टर और आईआईटी की नौकरियों की मशीन माना जाता है वहां रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की    तैयारियां करने वाली युवा पीढ़ी डिप्रेशन की चपेट में आने लगे है। संभवत यही कारण है की सुसाइड के केसेज में इनकी संख्या का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
कोटा में हाल ही सुसाइड के दो मामले हुए थे। जिसने लोगों की हैरत में डाल दिया है। कहा जाता है कि पिछले बारह घंटों में कोटा में रहकर प्रवेश परीक्षा की तैयारियां कर रहे तीन छात्रों ने सुसाइड कर लिया। इन में एक छात्र के मित्र ने बताया की इनमें एक से उससे बात हुई थी। तब वह तनाव में नहीं था। पुस्तकालय जाने की बात कर रहा था। सुबह उसने फांसी लगाली। इस सूचना ने मुझे विचलित कर दिया। पुलिस इस बारे में कहती है कि इन स्टूडेंट में अंकुश,आनंद के अलावा उज्ज्वल कुमार जे ई ई की तैयारियां कर रहें थे। किसी कारण के चलते इस दुनियां से चले गए।
इस घटना को लेकर कोटा के जिला प्रशासन ने वहां की कोचिंग संस्थाओं को निर्देश दिए है कि वे अपने संस्थानों में मनोवैज्ञानिक को नियुक्त करें।