आज संसदीय संस्थाओं में संवाद का स्तर गिरा है: Om Birla

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जयपुर। भारत का लोकतंत्र मजबूत है, यहां सदियों से लोकतंत्र की परंपरा रही है। आज देश की आबादी विश्व में सबसे अधिक है। इसके अलावा हम सबसे बड़ा लोकतंत्र भी हैं। देश में काफी विविधता विद्यमान है, जिस वजह से हमारी चुनौती और बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा कि आज संसदीय संस्थाओं में संवाद का स्तर गिरा है, सदन में गरिमा जरूरी है। ये बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से झीलों की नगरी उदयपुर में शुरू राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ (सीपीए) के 9वें भारत क्षेत्र सम्मेलन में कही है। 

उन्होंने कहा कि कई विधानसभाओं ने पेपरलेस होने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और कई विधानसभा अपने कार्यवाहियों को ऑनलाइन कर रही है जो अच्छा कदम है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि राजस्थान की धरती अध्यात्म और समर्पण की धरती है।

मेवाड़ का महत्व पूरे विश्व में है। वर्ष 1911 में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की स्थापना हुई थी, तब इसमें 57 देश थे। इसके बाद निरंतर इसका विस्तार होता गया। इस संघ ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को सुदृढ़ करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।