लाडली बहना योजना की 24वीं किस्त 15 मई को खाते में, 1.27 करोड़ महिलाओं को मिलेगी राहत

मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना की अगली किस्त का इंतजार अब खत्म हो गया है। 15 मई 2025 को योजना की 24वीं किस्त के तहत 1.27 करोड़ महिलाओं के खाते में ₹1250 ट्रांसफर किए जाएंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव, सीधी जिले में आयोजित एक विशेष सम्मेलन के दौरान इस राशि को ट्रांसफर करेंगे और लाभार्थी बहनों से संवाद भी करेंगे।

इस आयोजन को लेकर अधिकारियों को आवश्यक तैयारियों के निर्देश दे दिए गए हैं, हालांकि आधिकारिक अधिसूचना का इंतजार अभी भी जारी है।

📅 अब हर महीने 15 तारीख के बाद आएगा पैसा

पहले लाडली बहना योजना की राशि हर महीने की 10 तारीख तक भेज दी जाती थी, लेकिन अब 15 तारीख या उसके बाद ट्रांसफर की जाएगी। सरकार ने फंड मैनेजमेंट को इसका कारण बताया है। दरअसल, केंद्र सरकार से फंड मिलने में समय लगने के कारण राज्य सरकार ने यह बदलाव किया है ताकि ट्रांसफर प्रक्रिया में कोई रुकावट न हो।

पिछले महीने भी 16 अप्रैल को किस्त ट्रांसफर हुई थी, जिससे महिलाओं को चिंता हुई थी कि योजना में कोई बदलाव तो नहीं हो गया। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि यह एक स्थायी परिवर्तन है।

💰 योजना का लाभ किन्हें मिलता है?

लाडली बहना योजना के तहत 21 से 59 वर्ष की आयु की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1250 रुपये दिए जाते हैं। शुरू में यह राशि ₹1000 थी, जिसे बढ़ाकर ₹1250 किया गया। लंबे समय से इसे ₹1500 तक करने की चर्चा है, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

📊 लाभार्थी और सरकारी खर्च

यह योजना राज्य की राजनीतिक समीकरणों में बीजेपी के लिए एक बड़ा ट्रंप कार्ड साबित हुई है। लेकिन इसे बनाए रखने के लिए हर महीने सरकार को लगभग ₹1550 करोड़ रुपये की जरूरत होती है।

अगस्त 2023 से नए रजिस्ट्रेशन बंद हैं और फिलहाल इन्हें दोबारा शुरू करने की कोई योजना नहीं है। इसके साथ ही कई लाभार्थियों के नाम सत्यापन के बाद सूची से हटा दिए गए हैं।

🔍 आगे क्या?

  • ✅ 24वीं किस्त ₹1250 की 15 मई को खातों में आएगी
  • ✅ अब से हर महीने 15 तारीख या उसके बाद ही आएगा पैसा
  • ✅ सीधी में मुख्यमंत्री करेंगे राशि ट्रांसफर और संवाद
  • ✅ नए रजिस्ट्रेशन पर फिलहाल रोक बरकरार
  • ✅ योजना पर वित्तीय दबाव बना हुआ है

हालांकि 15 मई को राशि आने की पुष्टि से महिलाओं को राहत मिली है, लेकिन योजना की आगे की दिशा — जैसे कि राशि में बढ़ोतरी और नए पंजीकरण की शुरुआत — अब भी स्पष्ट नहीं है।