8th Pay Commission: मूल वेतन अब होगा 51,000 रुपये, इन भत्तों में भी मिलेगा बढ़ा हुआ लाभ, जानें डिटेल्स

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8वें वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य मौजूदा आर्थिक स्थिति और महंगाई दर के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का मूल्यांकन करना है।

7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा। नतीजतन, 8वें वेतन आयोग का गठन नितांत आवश्यक हो गया है।

इस संदर्भ में, सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बार फिर बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्ते और ग्रेच्युटी बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस पहल से लगभग 4.9 मिलियन केंद्र सरकार के कर्मचारी और 6.5 मिलियन पेंशनभोगी सीधे लाभान्वित होंगे।

8वें वेतन आयोग की ऊपरी सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। वर्तमान में, ऊपरी सीमा 2 मिलियन रुपये है, जिसे सूत्रों के अनुसार 2.5 मिलियन से 3 मिलियन रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।

कर्मचारी के पिछले महीने के वेतन और महंगाई भत्ते के आधार पर ग्रेच्युटी की गणना की जाती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी सरकारी कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये है और वह 30 साल तक काम करता है, तो उसकी ग्रेच्युटी लगभग 489,000 रुपये हो जाती है।

लेकिन यदि 8वें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़कर 2.86 हो जाता है, तो यह ग्रेच्युटी राशि 1.256 मिलियन रुपये तक पहुंच सकती है।

वेतन वृद्धि - 8वें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 25% से 35% तक की वृद्धि होने की संभावना है।

भत्ते में वृद्धि - महंगाई भत्ते और यात्रा भत्ते जैसे भत्तों में भी बड़े बदलाव हो सकते हैं।

पेंशन लाभ में वृद्धि - खबर है कि पेंशनभोगियों के सेवानिवृत्ति लाभों में लगभग 30% की वृद्धि हो सकती है।

8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की अहम भूमिका होगी। 7वें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 46,600 रुपये हो गया था।

यदि नए वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.86 हो जाता है तो न्यूनतम मूल वेतन 51,000 रुपये तक पहुंच सकता है।