8वां वेतन आयोग: फिटमेंट फैक्टर ही नहीं, इन वजहों से भी बढ़ेगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी

8th Pay Commission: केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद सरकारी कर्मचारियों में उत्साह बढ़ गया है. अधिकांश कर्मचारी फिटमेंट फैक्टर के बढ़ने से अपनी सैलरी में भारी इजाफा होने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन वेतन वृद्धि केवल फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर नहीं करती है. आइए जानते हैं कि और किन कारणों से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी होगी.

फिटमेंट फैक्टर कैसे बढ़ाता है सैलरी?

फिटमेंट फैक्टर एक गुणक होता है, जिसका इस्तेमाल सरकार वेतन और पेंशन को पुनरीक्षित करने के लिए करती है. 8वें वेतन आयोग में इसे 2.86 किए जाने की संभावना है, जिससे न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,000 हो सकता है. हालांकि, यह सैलरी बढ़ाने का एकमात्र तरीका नहीं है.

सैलरी बढ़ने के अन्य तरीके:

फिटमेंट फैक्टर का प्रभाव सिर्फ बेसिक सैलरी पर होता है, जबकि ग्रॉस सैलरी में अन्य भत्ते और घटक शामिल होते हैं. महंगाई भत्ता (DA), परिवहन भत्ता और अन्य भत्तों में वृद्धि भी वेतन को बढ़ाती है. इसके अलावा, कर्मचारियों के लेवल के अनुसार मिलने वाले भत्तों का भी असर पड़ता है.

उदाहरण से समझें:

7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे बेसिक सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गई थी. हालांकि, ग्रॉस सैलरी में औसत वृद्धि केवल 15% हुई थी. वहीं, 6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, लेकिन ग्रॉस सैलरी में 54% तक की बढ़ोतरी देखी गई.

8वें वेतन आयोग के लागू होने की संभावित तारीख 1 जनवरी 2026 है. इसलिए, सरकारी कर्मचारी न केवल फिटमेंट फैक्टर, बल्कि अन्य भत्तों और घटकों के आधार पर भी अपनी सैलरी में वृद्धि देखेंगे.