Cheque Bounce: चेक बाउंस हो जाने पर अब मिलती हैं कितनी सजा, जान लेंगे तो रहेंगे फायदे में

इंटरनेट डेेस्क। आपने देखा बहुत से लोग पेमेंट करन के लिए चेक देते है। व्यक्ति बैंक चेक लेकर जाता हैं लेकिन कई बार पैसे नहीं होने या फिर सामने वाले व्यक्ति यानी जो चेक दिए हैं उनके साइन गलत है तो चेक रिजेक्ट हो जाएंगे। यह चेक बाउंस कहलाता है। बता दे की चेक बाउंस दंड अधिनियम, एक दंडनीय अपराध है। 

जब कोई लोग बैंक से चेक क्लियर नहीं कर पाते है और पेमेंट कर देते है तो ऐसी स्थिति में हम चेक बाउंस होता है। बता दें की बैंक में चेक लगाने वाले को लेनदार और चेक देने वाले को देनदारा कहे जाते हैं वही जब चेक बाउंस होते है। तो लेनदार देनदारा पर मुकदमा दर्ज कर सकते है।

बता दे की जब कोई चेक क्लियर नहीं होते है यानी चेक में कुछ त्रुटि पाए जाते हैं तो उसे चेक बाउंस कहते हैं। चेक बाउंस होने पर लेनदार को देदनदार को चेक बाउंस की सूचना देनी होती है। एक महीने में देनदार को रुपए देने होंगे यदि एक महीने में भुगतान नहीं किया जाता हैं तो लीगल नोटिस भेजते है। फिर भी कुछ नहीं होता हैं तो चेक बाउंस के दोषी को सिर्फ इस कानून से सजा दी जाती हैं। जिसमें दो वर्ष की सजा या आर्थिक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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