'एक इंच जगह दे दो, वह पूरे मील पर कब्जा कर लेगा! चीन ने ट्रंप पर बिना नाम लिए साधा निशाना
- byvarsha
- 08 Aug, 2025

pc: anandabazar
एक इंच जगह दे दो, वह पूरे मील पर कब्जा कर लेगा! चीनी राजदूत शू फीहोंग ने यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और ब्राज़ील जैसे ब्रिक्स सदस्य देशों पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ़ पर की। हालाँकि उन्होंने सीधे तौर पर उनका नाम नहीं लिया, लेकिन कई लोगों को इसमें कोई शक नहीं है कि चीनी राजदूत के निशाने पर ट्रंप ही हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने बिना नाम लिए अमेरिकी राष्ट्रपति पर हमला बोला और उन्हें 'गुंडा' तक कह डाला।
अमेरिका ने सबसे पहले भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ़ लगाया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस से तेल आयात करने पर जुर्माने के तौर पर 25 प्रतिशत का और टैक्स लगाया। अमेरिका ने ब्राज़ील पर भी 50 प्रतिशत टैक्स लगाया। इसके बाद, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी नीति की आलोचना की! उनके अनुसार, अमेरिका टैरिफ़ को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करके दूसरे देशों को दबाने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप की टैरिफ़ नीति वैश्विक व्यापार नीति के लिए सीधा ख़तरा है।
चीनी विदेश मंत्री ने ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा के सलाहकार सेल्सो अमोरिम से फ़ोन पर बात की। इसके बाद, वांग ने ट्रंप द्वारा टैरिफ़ लगाए जाने की निंदा की। उन्होंने यह भी कहा कि चीन, ट्रंप की "मनमानी टैरिफ़ धमकियों" का सामना करने में ब्राज़ील का "पुरज़ोर समर्थन" करेगा।
50 प्रतिशत टैरिफ़ लागू होने के बाद, ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया कि वह ट्रंप के साथ कोई बातचीत नहीं करेंगे। इसके बजाय, वह भारत और चीन जैसे "मित्र" देशों से बात करेंगे। गुरुवार रात (भारतीय समयानुसार) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्राज़ील के राष्ट्रपति का फ़ोन आया। अगले कदमों पर चर्चा हुई। गौरतलब है कि इसी माहौल में, मोदी इस महीने के अंत में अंतरराष्ट्रीय गठबंधन 'शंघाई सहयोग संगठन' (SCO) के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में शामिल होने चीन जा रहे हैं। वह 2019 के बाद चीन का दौरा करेंगे। कई लोगों का मानना है कि ट्रम्प के टैरिफ़ युद्ध के बीच मोदी का यह दौरा बेहद अहम है। जानकार सूत्रों का यह भी मानना है कि अमेरिकी नीतियों का मुक़ाबला करने के तरीक़ों पर भी चर्चा हो सकती है।
ट्रंप की टैरिफ़ धमकियों के हालिया माहौल में बीजिंग, भारत के साथ अपनी दोस्ती को और गहरा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने भारत और चीन की शक्ति का ज़िक्र करते हुए 'हाथी' और 'ड्रैगन' की उपमा का इस्तेमाल किया है। चीन का कहना है, "ड्रैगन और हाथी के बीच सहयोगात्मक संबंध दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ड्रैगन और हाथी को साथ मिलकर काम करना चाहिए। एक-दूसरे के खिलाफ बोलने के बजाय, हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। इसी में दोनों देशों का हित है। अगर एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ एकजुट होती हैं, तो यह पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा।"