Maha Kumbh 2025: यूं ही नहीं बन जाती हैं हर कोई महिला नागा साधु, झेलने पड़ते हैं कई दुख दर्द, तपस्या के बारे में जानकर तो उड़ जाएंगे होश
- byShiv
- 16 Dec, 2024

इंटरनेट डेस्क। महाकुंभ मेले के शुरू होने में अब एक महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में तैयारियां भी लगभग पूरी है।बता दें कि महाकुंभ लाखों करोड़ों की संख्या में लोग पहुंचते हैं और लाखों की संख्या में ही साधु संत भी। इनमें नागा साधु भी शामिल होते हैं जो बहुत खास होते है। वहीं इस मेले में महिला नागा साधुओं का आना बहुत खास माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिला नागा साधु कैसे बनती है। उन्हें किन-किन चीजों का त्याग करना पड़ता है। अगर आप नहीं जानते हैं तो फिर बताते हैं महिला नागा साधुओं के जीवन से जुड़ी कुछ बातें।

कैसा होता है महिला नागा साधुओं का जीवन
जानकारी के अनुसार जिस तरह से पुरुष नागा साधु होते हैं वैसे ही महिला नागा साधु भी होती हैं। इनका जीवन काफी कठिन होता है। एक महिला को नागा साधु बनने के लिए कई चीजों का त्याग करना पड़ता है। कठोर तप करना पड़ता है।
होती हैं ये कठोर तपस्या
जानकारी के अनुसार महिला नागा साधुओं को प्रतिदिन कठिन साधना करनी होती है। उन्हें प्रातः उठकर नदी में स्नान करना होता है। चाहे ठंड ही क्यों न हो उन्हें ठंडे पानी से ही नहाना होता है। महिला नागा साधु को स्नान के बाद अपना पूरा दिन भगवान शिव की आराधना में निकालना होता है। फिर श्याम के समय भगवान दत्तात्रेय की पूजा करनी होती है।

जिंदा रहते ही करना पड़ता है पिंडदान
हर महिला को नागा साधु बनने से पहले अपना पिंडदान करके पिछले जीवन को छोड़ना होता है। महिला नागा साधु बनने के लिए महिलाओं को अपने बाल तक छिलवाने होते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह बाल कटवाती नहीं हैं बल्कि हाथों से एक एक बाल तोड़ती हैं।
ब्रह्मचर्य का करना होता है पालन
एक महिला को नागा साधू बनने से पूर्व ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। कम से कम 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य के पालन के बाद ही महिलाओं को नागा साधु की उपाधि मिलती है।
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