Maha Kumbh 2025: कौन होते हैं अघोरी और किसकी करते हैं पूजा, कहा से लाते हैं अपने साथ रखने वाला नरमुंड

इंटरनेट डेस्क। प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ होने जा रहा है। तमाम अखाड़ों के संतों के अलावा महामंडलेश्वर और अघोरी साधु भी कुंभ का हिस्सा बन रहे है। ऐसे में अघोरी साधुओं की रहस्यमयी दुनिया के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। इन्हें लेकर कई तरह के मिथक और भ्रांतियां हैं तो आज जानते हैं कौन होते हैं अघोरी।

कौन होते हैं अघोरी 
जो निर्भय हो, अघोरी शिव के पूजक माने जाते हैं और मुख्य रूप से कपालिका परंपरा को मानने वाले होते हैं, इसी वजह से हमेशा कपाल यानी नरमुंड इनके साथ रहता है। अघोरी साधु शिव के अलावा शक्ति के रूप काली के उपासक माने जाते हैं। इसी वजह से वह अपने शरीर पर राख लपेटे रहते हैं, रुद्राक्ष की माला और नर मुंड भी इनकी वेशभूषा का हिस्सा होते हैं। 

श्मशान में रहते हैं
अघोरी साधु शिव को मोक्ष का मार्ग मानकर उनकी घोर साधना करते हैं और शिव को सर्वज्ञ, सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान मानते हैं। यही नहीं, कई बार तो मुर्दों के साथ रात गुजारने से लेकर चिता का मांस खाने से भी परहेज नहीं करते है। चिता से अधजला मांस खाने को भी वह अपनी परंपरा का हिस्सा मानते हैं। 

रहस्य की तरह अघोरियों का जीवन
जानकारी के अनुसार नागा साधुओं के बारें में काफी कुछ बताया गया है और वह आमतौर परिचित से लगते हैं, लेकिन अघोरियों का जीवन अबतक रहस्य है और लोगों को इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उनको लेकर लोगों के मन में एक प्रकार का डर है लेकिन वह डर अघोरियों को जानकर ही दूर हो सकता है।

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