Offbeat: अगर कर्ण के पास कवच और कुंडल होते तो महाभारत युद्ध का क्या परिणाम होता? जानें यहाँ
- byShiv
- 30 Dec, 2024

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कारण के पास कवच और कुंडल थे जो उनकी सुरक्षा करते थे। लेकिन फिर भी वे अमर नहीं थे। कवच और कुंडल कर्ण के शरीर के कुछ अंगों को सुरक्षा प्रदान करते थे, लेकिन ऐसा नहीं था कि वे अपराजेय थे।
कर्ण ने कई बार युद्ध में हार का सामना करना पड़ा और एक बार तो वह घोषयात्रा में भी भाग गए थे। महाभारत युद्ध एक धर्म युद्ध था, जिसमें अधर्मियों का नाश हुआ था।
युद्ध का परिणाम पहले से ही तय था, और भगवान श्री कृष्ण ने कर्ण के वध का कोई न कोई उपाय निकाल ही लिया था। कर्ण ने जब इंद्र को कवच और कुंडल दान में दिए, तब ये समझा जा सकता था कि वह अपनी मृत्यु तक इन्हें बचाने का प्रयास करेंगे।
श्रीकृष्ण ने ये तय किया था कि कर्ण का वध अर्जुन के हाथों ही होगा, चाहे उनके पास कवच कुंडल हो या ना हो। कवच और कुंडल का ब्रह्मास्त्र और अन्य दिव्यास्त्रों के सामने कुछ भी नहीं थे और आसानी से उनकी सुरक्षा को तोडा जा सकता था।
इंद्र ने कर्ण से कवच और कुंडल मांगे थे, और कर्ण ने उन्हें दान दिया। इंद्र ने कर्ण से कहा कि वे इसके बदले उन्हें कुछ देंगे, केवल बज्रास्त्र के अलावा। कर्ण ने इस के बदले वासवी शक्ति की मांग की थी।
कर्ण का यह दान उसकी निष्ठा और धर्म के प्रति अडिग विश्वास को दर्शाता है।
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