Makar Sakranti के दिन इस विधि से करनी चाहिए सूर्य देव की पूजा, दुःख होंगे दूर, चमक उठेगी किस्मत
- byShiv
- 13 Jan, 2025

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धार्मिक शास्त्र कहते हैं कि मकर संक्रांति को सूर्य देव की पूजा और शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए सबसे उपयुक्त दिन माना जाता है। इसी दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव के घर आते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, एक वर्ष में 12 संक्रांति होती हैं, क्योंकि सूर्य हर एक महीने अपनी राशि बदलता है। जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है तो इसे ही मकर सक्रांति कहा जाता है। इस समय देवताओं की रात खत्म हो जाता है और दिन की शुरुआत होती है। इसे उत्तरायण और दक्षिणायन कहा जाता है। इस मौके पर पवित्र नदी में स्नान और सूर्य देव की पूजा करना बेहद ही फायदेमंद होता है।
मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा
मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य कीपूजा करने की सलाह दी जाती है। इस दिन गंगा में स्नान करने के बाद आपको तांबे के बर्तन में जल, लाल फूल, सिंदूर और काले तिल डालकर इस से सूर्य को अर्घ्य किया जाना चाहिए। इसके बाद हथेली में पानी लेकर “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव का ध्यान करना चाहिए। ऐसा नियमित रूप से करने से शरीर की कमजोरी या जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
तिल और दान का महत्व
मकर संक्रांति पर तिल का दान किया जाता है। तिल का संबंध शनिदेव से है और इसके दान से शनि दोष कम होता है। इस दिन सूर्य देव एक महीने के लिए शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं, जिससे शनि का अशुभ प्रभाव कम होता है। काले तिल का दान करने से न केवल शनि दोष से मुक्ति मिलती है, बल्कि सूर्य देव की कृपा भी मिलती है।
मकर संक्रांति के उपाय
मकर संक्रांति के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र, श्री नारायण कवच और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना बेहद शुभ होता है। पूजा के बाद तिल, चावल,उड़द की दाल, गुड़, गन्ना, खिचड़ी और सब्जी का दान करना लाभकारी होता है।