EPFO Employee Benefits: EPFO खाताधारकों के लिए अच्छी खबर! ATM और UPI से निकाल सकेंगे पैसे
- byvarsha
- 19 Dec, 2025
PC: navarashtra
देश भर के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। यह खबर एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड (EPFO) से जुड़ी है। सरकार EPF अकाउंट से पैसे निकालने के प्रोसेस को तेज़, आसान और टेक्नोलॉजी के हिसाब से ज़्यादा एडवांस बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है। सरकार की स्कीम के तहत, कर्मचारी जल्द ही अपने EPF अकाउंट से 75% तक सीधे ATM और UPI के ज़रिए निकाल सकेंगे। इससे न सिर्फ़ पेपरवर्क खत्म होगा बल्कि इमरजेंसी में तुरंत पैसे भी मिल जाएँगे।
विड्रॉल सिस्टम में बदलाव क्यों?
अभी का EPF विड्रॉल सिस्टम लंबे समय से मुश्किल और ज़्यादा समय लेने वाला माना जाता रहा है। पैसे निकालने के लिए अलग-अलग फॉर्म, कैटेगरी और एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की वजह से, कर्मचारियों के क्लेम अक्सर रिजेक्ट हो जाते हैं या उनमें देरी हो जाती है। लेबर मिनिस्ट्री का मानना है कि इस मुश्किल की वजह से कर्मचारी अपने ही फंड तक नहीं पहुँच पाते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए, सरकार ने सिस्टम को आसान बनाने का फैसला किया है।
EPFO मार्च 2026 तक इस नए विड्रॉल सिस्टम को लागू करने की तैयारी कर रहा है। मिनिस्ट्री का मकसद EPF बैंकिंग सिस्टम को बैंकिंग सिस्टम की तरह ही रियल-टाइम और यूज़र-फ्रेंडली बनाना है। इसके तहत कस्टमर न सिर्फ़ ATM से पैसे निकाल पाएंगे, बल्कि UPI के ज़रिए सीधे अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर भी कर पाएंगे। नए सिस्टम के लागू होने के बाद EPF अकाउंट होल्डर्स को अब लंबे प्रोसेस से नहीं गुज़रना पड़ेगा। यूनियन लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने बताया कि ATM या UPI के ज़रिए बैंक अकाउंट से पैसे निकालने की तरह ही अपना EPF बैलेंस एक्सेस करना मुमकिन होगा। मिनिस्ट्री का फोकस इस बात पर है कि चूंकि पैसा कस्टमर का है, इसलिए इसे एक्सेस करना आसान होना चाहिए।
यह ATM और UPI विड्रॉल स्कीम अक्टूबर 2025 में EPFO द्वारा मंज़ूर किए गए बड़े सुधारों पर आधारित है। इन सुधारों ने EPF विड्रॉल की 13 अलग-अलग कैटेगरी को एक आसान फ्रेमवर्क के तहत एक साथ लाया है। पहले, अलग-अलग कारणों से अलग-अलग नियम लागू किए जा रहे थे, जिससे कन्फ्यूजन होता था। अब, इन नियमों को एक करके ट्रांसपेरेंसी और सुविधा बढ़ाई गई है।
पहले, ज़्यादातर मामलों में, EPF विड्रॉल के लिए सिर्फ़ एम्प्लॉई का कंट्रीब्यूशन और उस पर मिलने वाला इंटरेस्ट ही मिलता था। एम्प्लॉयर के कंट्रीब्यूशन पर कई लिमिट थीं। लेकिन, नए नियमों के तहत, कर्मचारी अब अपने कुल EPF फंड का 75% तक निकाल सकते हैं, जिसमें कर्मचारी का योगदान, कंपनी का योगदान और उस पर मिलने वाला ब्याज शामिल है। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए एक बड़ी फाइनेंशियल राहत होगी। नए सिस्टम में एलिजिबिलिटी नियमों को भी आसान बनाया गया है। सभी पार्शियल विड्रॉल के लिए कम से कम 12 महीने का सर्विस पीरियड तय किया गया है। पहले, कुछ मामलों में सात साल तक की सर्विस ज़रूरी थी।






