Health Tips: आप भी खा रहे हैं डोलो या पैरासिटामॉल तो जान ले कौन सी हैं सबसे ज्यादा कारगार, लेकिन ध्यान रखें...

इंटरनेट डेस्क। आज के समय हर आदमी घर में सिर दर्द, बुखार और छोटी छोटी बीमारियों की दवाई रखता है। ऐसे में कुछ भी होने पर वो तुरंत उसे ले लेता है। वैसे सिरदर्द, बदन दर्द या बुखार के लिए लोग घरों में डोलो या पैरासिटामॉल की गोली रखते है। लेकिन कई बार सवाल उठता है कि दोनों में ज्यादा बेहतर और प्रभावी दवा कौन सी है तो आइए जानते हैं।

डोलो और पैरासिटामॉल में अंतर

पैरासिटामॉल एक जेनरिक सॉल्ट है, जिसका इस्तेमाल दर्द और बुखार में होता है। ये दवा 1960 से बाजार में है। डोलो, क्रोसिन और कालपोल, फार्मा कंपनियां अलग-अलग ब्रांड से पैरासिटामॉल साल्ट ही बेचती हैं। 

पैरासिटामोल क्या है?
पैरासिटामोल एक एंटी-पायरेटिक (बुखार कम करने वाली) और एनाल्जेसिक (पेन किलर) दवा है, जिसका इस्तेमाल बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और हल्के जुखाम के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है।

डोलो 650 क्या है?
मीडिया रिपोटर्स की माने तो कोरोना के समय गूगल पर लोगों ने सबसे ज्यादा डोलो 650 ही सर्च किया था। यह भी एक तरह का पैरासिटामॉल ही है, लेकिन इसमें 650एमजी पैरासिटामॉल होता है, जबकि सामान्य पैरासिटामॉल की गोली में आमतौर पर 500एमजी एक्टिव कंपोनेंट होता है।

डोलो या पैरासिटामॉल कौन ज्यादा असरदार
हल्का बुखार होने पर पैरासिटामोल 500एमजी पर्याप्त है।
बुखार ज्यादा है या बार-बार हो रहा है तो डोलो 650 ज्यादा कारकर हो सकता है।

रखें ध्यान
ये दोनों ही दवाएं सुरक्षित मानी जाती हैं, लेकिन इनका ओवरडोज नुकसानदायक हो सकता है। बिना डॉक्टर की सलाह के इन दवाओं का सेवन नहीं करें।

pc- navbharat

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