RBI का बड़ा फैसला: एलसीआर से जुड़े नए नियम 1 अप्रैल 2026 से होंगे लागू
- byrajasthandesk
- 22 Apr, 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश के बैंकिंग क्षेत्र की तरलता स्थिति को मज़बूत करने के उद्देश्य से Liquidity Coverage Ratio (LCR) से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये नए नियम 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होंगे, जिससे बैंकों को अपने सिस्टम और प्रक्रियाओं को नए मानकों के अनुसार ढालने का पर्याप्त समय मिलेगा।
🔍 पृष्ठभूमि और सुझाव प्रक्रिया
RBI ने इन नियमों के प्रस्तावित मसौदे को 25 जुलाई 2024 को जारी किया था और सभी बैंकों व संबंधित हितधारकों से इस पर सुझाव मांगे गए थे। गहन विचार-विमर्श और प्रभाव विश्लेषण के बाद, अब केंद्रीय बैंक ने अंतिम नियमों की घोषणा कर दी है।
📊 नए LCR नियमों में क्या बदलाव हुआ है?
बदलावों का उद्देश्य बैंकों की तरलता क्षमता को बेहतर बनाना और उन्हें वित्तीय दबाव की स्थिति में टिकाऊ बनाना है। मुख्य बदलाव इस प्रकार हैं:
- डिजिटल खातों पर अतिरिक्त रन-ऑफ रेट:
अब बैंकों को इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग से जुड़े खुदरा और छोटे व्यवसायिक खातों पर अतिरिक्त 2.5% रन-ऑफ रेट लगाना होगा। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म से त्वरित निकासी की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया गया है। - सरकारी प्रतिभूतियों का मूल्यांकन:
अब सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) का मूल्यांकन LAF और MSF के अंतर्गत निर्धारित मार्जिन आवश्यकताओं के अनुसार 'हेयरकट' के साथ किया जाएगा, जिससे इनकी वैल्यू में कटौती की जाएगी। - गैर-वित्तीय संस्थाओं पर राहत:
शैक्षणिक संस्थान, धार्मिक व चैरिटेबल ट्रस्ट, पार्टनरशिप फर्म और LLP जैसी गैर-वित्तीय संस्थाओं से प्राप्त फंड पर रन-ऑफ रेट को 100% से घटाकर 40% कर दिया गया है। इससे इन संस्थानों को बड़ी राहत मिलेगी।
📈 बैंकिंग सेक्टर पर संभावित प्रभाव
RBI ने 31 दिसंबर 2024 तक के आंकड़ों के आधार पर इन बदलावों का विश्लेषण किया है। इसके अनुसार, नए नियम बैंकों के कुल LCR स्तर को करीब 6% तक बढ़ा सकते हैं, जिससे उनकी तरलता स्थिति और मजबूत होगी।
RBI का कहना है कि अधिकांश बैंक इन नए मानकों का पालन करने में सक्षम हैं, और यह बदलाव भारत के बैंकिंग नियमों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
🕒 लागू होने की समय-सीमा
RBI ने बैंकों को इन नियमों को अपनाने के लिए एक वर्ष से अधिक का समय दिया है। ये नए दिशानिर्देश 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे, जिससे बैंकों को अपने सिस्टम और पॉलिसी अपडेट करने का भरपूर मौका मिलेगा।
RBI द्वारा एलसीआर से जुड़े नियमों में किया गया यह संशोधन एक संतुलित और दूरदर्शी निर्णय है। यह कदम जहां डिजिटल खातों पर नियंत्रण को मजबूत करता है, वहीं भरोसेमंद संस्थाओं के लिए राहत भी प्रदान करता है। इससे भारतीय बैंकिंग प्रणाली की तरलता और स्थिरता को नई मजबूती मिलेगी।