Sitaram Yechury: वामपंथी नेता सीताराम येचुरी की देह AIIMS को की गई दान, जाने परिवार ने क्या बताया इसके पीछे का कारण

इंटरनेट डेस्क। भारतीय राजनीति को गुरूवार को एक बड़ा झटका लगा है। जी हां भारतीय राजनीति और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख नेता सीताराम येचुरी का 12 सितंबर 2024 को निधन हो गया। वह 72 साल के थे और उन्हें 19 अगस्त 2024 को निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन वो रिकवर नहीं कर पाएं। जानकारी के अनुसार येचुरी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके परिवार ने उनके शरीर को एम्स नई दिल्ली को शिक्षा और अनुसंधान के उद्देश्यों के लिए दान कर दिया है।

बता चुके थे अपनी बीमारी को लेकर
मीडिया रिपोटर्स की माने तो येचुरी ने अपने जीवनकाल में अपने स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की थी, जिसमें उन्हें टाइप 2 डाइबटीज़ और उच्च रक्तचाप का निदान किया गया था। इन चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने अपने काम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखी और भारतीय राजनीति में एक प्रभावशाली व्यक्ति बने रहे। सीताराम येचुरी का जन्म 1952 में हुआ था और उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 के दशक में की थी। उन्होंने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्य किया और 2015 में पार्टी के महासचिव बने। उन्होंने संसद में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।

शरीर दान एक निस्वार्थ दान है
जनकारी के अनुसार शरीर दान स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा प्रगति के भविष्य को लाभ पहुंचाता है। जबकि मेडिकल छात्र और पेशेवर दान किए गए शरीर का उपयोग मानव शरीर रचना का विस्तार से अध्ययन करने के लिए करते हैं, सर्जन और चिकित्सा व्यवसायी दान किए गए शरीर का उपयोग नई तकनीकों का अभ्यास करने, मौजूदा प्रक्रियाओं को परिष्कृत करने और सुरक्षित शल्य चिकित्सा पद्धतियों को विकसित करने के लिए करते हैं।

pc- asianetnews.com