UPI Digital Payment: ऑनलाइन पेमेंट में 33% की बढ़ोतरी; 3 महीने में हुए एक अरब ट्रांज़ैक्शन
- byvarsha
- 20 Dec, 2025
PC: navarashtra
भारत में रोज़ाना की खरीदारी के लिए, खासकर दुकानों में UPI का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है। जुलाई से सितंबर के बीच, UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस) के ज़रिए 59.33 बिलियन ट्रांज़ैक्शन हुए, जो पिछले साल के मुकाबले 33.5 परसेंट ज़्यादा है। इस दौरान कुल 74.84 लाख करोड़ रुपये के ट्रांज़ैक्शन हुए, जो पिछले साल के मुकाबले 21 परसेंट ज़्यादा है। यह बढ़ोतरी देश में डिजिटल पेमेंट की तेज़ ग्रोथ को दिखाती है। वर्ल्डलाइन इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अब 709 मिलियन एक्टिव UPI QR कोड हैं।
जुलाई 2024 से यह संख्या 21 परसेंट बढ़ी है। इन QR कोड का इस्तेमाल अब किराने की दुकानों, फ़ार्मेसी, बस और रेलवे स्टेशनों और गांवों तक पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, POS मशीनों की संख्या भी बढ़ी है। इन-स्टोर पेमेंट (P2P) के लिए UPI का इस्तेमाल तेज़ी से हो रहा है। फ़िज़िकल स्टोर में ट्रांज़ैक्शन 35 परसेंट बढ़कर 37.46 बिलियन हो गए हैं। पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांज़ैक्शन 29 परसेंट बढ़कर 21.65 बिलियन ट्रांज़ैक्शन हो गए हैं। हालांकि, अगर एवरेज ट्रांज़ैक्शन अमाउंट देखें, तो यह 1,363 से घटकर 1,262 हो गया है, जिसका मतलब है कि लोग अब खाना, ट्रैवल, दवाइयां और दूसरी रोज़ की ज़रूरतों जैसी चीज़ों की खरीदारी के लिए UPI का ज़्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पॉइंट ऑफ़ सेल मशीनों की संख्या भी बढ़ी है। ये मशीनें अब 35 परसेंट बढ़कर 1.212 करोड़ हो गई हैं। हालांकि, भारत QRs की संख्या थोड़ी कम हुई है, क्योंकि लोग अब UPI QR कोड का ज़्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड ट्रांज़ैक्शन में भी बदलाव आया है। क्रेडिट कार्ड ट्रांज़ैक्शन में 26 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। मोबाइल और टैप-बेस्ड पेमेंट भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। खासकर शहरों में और मेट्रो और टैक्सी जैसी सर्विस के लिए, लोग कार्ड स्वाइप करने के बजाय मोबाइल पेमेंट करना पसंद कर रहे हैं। भविष्य में भारत में UPI का इस्तेमाल और बढ़ने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 के आखिर और 2026 की शुरुआत तक इंटरऑपरेबल QR कोड बड़े पैमाने पर अपनाए जाएंगे, जिससे लोग एक ही QR कोड से पेट्रोल पंप, हॉस्पिटल, पब्लिक सर्विस और ट्रैवल कर पाएंगे। वर्ल्डलाइन को उम्मीद है कि इंटरऑपरेबल QR पेमेंट की बढ़ती पॉपुलैरिटी और आने वाले क्रेडिट-ऑन-UPI फीचर के साथ यह लगातार बढ़ेगा। आने वाले क्वार्टर्स में डिजिटल पेमेंट का दायरा बढ़ने की उम्मीद है, जिसकी वजह सेमी-अर्बन और रूरल एरिया में डिजिटल पहुंच बढ़ना है। यह चल रहा डिजिटल पेमेंट ट्रांसफॉर्मेशन फाइनेंशियल इनक्लूजन को बढ़ावा देकर, ई-कॉमर्स को बढ़ावा देकर और ट्रांजैक्शन एफिशिएंसी में सुधार करके इंडियन इकोनॉमी पर बड़ा असर डाल रहा है।






