Shubman Gill: चौका मारने के बाद शुभमन गिल की गर्दन में तेज़ दर्द क्यों हुआ? यह स्थिति कितनी गंभीर है?

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भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में टीम इंडिया के कप्तान शुभमन गिल दूसरी पारी में नहीं खेल पाए। पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए, स्वीप शॉट लगाने के तुरंत बाद शुभमन गिल की गर्दन में गंभीर खिंचाव आ गया।

वाशिंगटन सुंदर के आउट होने के बाद, गिल 35वें ओवर में बल्लेबाजी करने आए और तुरंत एक ज़ोरदार स्वीप लगाकर चौका जड़ दिया। लेकिन उस शॉट के बाद उन्हें अचानक तेज़ दर्द महसूस हुआ और वे गर्दन पकड़कर मैदान से बाहर चले गए।

बीसीसीआई ने बताया कि गिल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद, वह पहले टेस्ट से बाहर हो गए। इस बीच, आइए जानें कि चौका लगाने के बाद गिल के कंधे में इतना तेज़ दर्द क्यों हुआ और यह स्थिति कितनी खतरनाक हो सकती है।

शुभमन को आखिर क्या समस्या है?

मिली जानकारी के अनुसार, शुभमन गिल को इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती कराया गया है। जहाँ मेडिकल टीम लगातार उनकी स्थिति पर नज़र रख रही थी। सभी स्कैन और एमआरआई टेस्ट पूरे हो चुके हैं। भारतीय कप्तान की गर्दन में तेज़ दर्द महसूस हो रहा था, इसलिए उन्हें इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती कराया गया। अच्छी खबर यह है कि शुरुआती रिपोर्ट्स में उनकी हालत में सुधार दिख रहा है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुभमन गिल की गर्दन में ऐंठन हुई है, जिससे उन्हें सांस लेने और शरीर को हिलाने-डुलाने में दिक्कत हो रही है। उन्हें निगरानी के लिए वुडलैंड्स अस्पताल ले जाया गया है।

गर्दन में खिंचाव कितना खतरनाक है?

मेयो क्लिनिक के अनुसार, अचानक गर्दन में दर्द आमतौर पर मांसपेशियों में खिंचाव, गलत मूवमेंट या नसों पर दबाव के कारण होता है। शुभमन गिल के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। स्वीप शॉट लगाते समय उनके शरीर का ऊपरी हिस्सा ज़ोर से घूम गया, जिससे उनकी गर्दन की मांसपेशियों में अचानक खिंचाव आ गया और ऐंठन हो गई। इसी वजह से बाउंड्री के बाद उन्हें तेज़ दर्द हुआ और वे रिटायर्ड हर्ट हो गए।

मेडिकल रिपोर्ट्स कहती हैं कि अचानक गर्दन में खिंचाव आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन कभी-कभी यह नसों पर दबाव, ऊतकों को नुकसान या सर्वाइकल स्पाइन पर दबाव डाल सकता है। दर्द गंभीर हो सकता है और कभी-कभी मरीजों को अपना सिर हिलाने में भी मुश्किल हो सकती है। इसलिए एथलीटों में इस तरह के दर्द को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाता और तुरंत स्कैन कराने की सलाह दी जाती है।

यह समस्या कब गंभीर हो सकती है?

मेयो क्लिनिक के अनुसार, यह समस्या आमतौर पर कुछ दिनों के इलाज के बाद ठीक हो जाती है। लेकिन अगर आपको तनाव-जैसे दर्द सहित कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो आपको सावधान रहने की ज़रूरत है।

इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए-

दर्द जो बना रहता है या कुछ दिनों में कम नहीं होता

दर्द के साथ हाथ या कंधे में कमज़ोरी, सुन्नता या झुनझुनी