टैक्स बचत का स्मार्ट तरीका: पत्नी को किराया देकर हर साल बचाएं ₹1.8 लाख तक का टैक्स
- byrajasthandesk
- 16 Apr, 2025

क्या आप इनकम टैक्स बचाने का आसान और कानूनी तरीका ढूंढ़ रहे हैं? तो यह खबर आपके लिए है। क्या आप जानते हैं कि अपनी पत्नी को किराया देकर आप हर साल ₹1.8 लाख तक टैक्स बचा सकते हैं?
यह तरीका हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के तहत काम करता है और यदि सही ढंग से किया जाए, तो यह एक लॉन्ग टर्म टैक्स सेविंग स्ट्रैटेजी बन सकती है।
📝 पहला कदम: वैध रेंट एग्रीमेंट बनवाएं
HRA क्लेम करने के लिए आपके और आपकी पत्नी के बीच एक कानूनी किराया समझौता (rent agreement) होना चाहिए, जिसमें निम्न बातें स्पष्ट हों:
- मासिक किराया राशि
- किराये की अवधि और शर्तें
- घर का पता
यह दस्तावेज आपकी टैक्स क्लेम वैधता को साबित करता है।
💵 दूसरा कदम: बैंक या चेक से भुगतान करें
किराया राशि का भुगतान हमेशा बैंक ट्रांसफर या चेक से करें। इससे आपके पास पुख्ता भुगतान का सबूत रहेगा।
कैश पेमेंट से बचें, क्योंकि वह टैक्स स्क्रूटनी में मान्य नहीं होता।
🧾 तीसरा कदम: HRA क्लेम करें
अब आप अपने ऑफिस से HRA क्लेम कर सकते हैं। टैक्स छूट की गणना निम्नलिखित तीन में से सबसे कम राशि के आधार पर की जाती है:
- आपके द्वारा प्राप्त वास्तविक HRA
- बेसिक सैलरी का 50% (मेट्रो सिटी के लिए) या 40% (नॉन-मेट्रो के लिए)
- कुल किराया – बेसिक सैलरी का 10%
🔢 उदाहरण: कितना टैक्स बचेगा?
मान लीजिए:
- मासिक वेतन: ₹1,00,000
- मासिक HRA: ₹20,000
- पत्नी को दिया गया किराया: ₹25,000 प्रति माह
- शहर: मेट्रो सिटी
वार्षिक आंकड़े:
- कुल HRA: ₹2,40,000
- कुल किराया: ₹3,00,000
- बेसिक सैलरी का 10%: ₹1,20,000
- किराया – 10% = ₹1,80,000
- बेसिक का 50% = ₹6,00,000
इन तीनों में सबसे कम राशि ₹1,80,000 है, जिसे आप टैक्स फ्री HRA के रूप में क्लेम कर सकते हैं।
⚠️ ध्यान देने योग्य बातें
- वास्तविक एग्रीमेंट हो और संपत्ति पत्नी के नाम होनी चाहिए
- भुगतान का प्रमाण (बैंक स्टेटमेंट/चेक) संभालकर रखें
- पत्नी को किराया आय के रूप में अपनी आईटीआर में दिखाना होगा
- ट्रांसपेरेंसी बनाए रखें, फर्जीवाड़े से बचें
🧑💼 सलाह: सीए से परामर्श जरूर लें
यह तरीका पूरी तरह से वैध और सरकार द्वारा मान्य है, लेकिन इसे सही प्रक्रिया के साथ लागू करना जरूरी है। इससे टैक्स बचत के साथ-साथ भविष्य में किसी जांच से भी सुरक्षा मिलती है।
अतः इस विधि का लाभ उठाने से पहले किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह जरूर लें।