Union Budget 2025: क्या निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स एक्ट को डायरेक्ट टैक्स कोड से बदलेगी? जानें क्या है ये

pc: news24online

क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्तमान आयकर अधिनियम की जगह डिरेक्ट टैक्स कोड यानी प्रत्यक्ष कर संहिता लागू करेंगी? देश जब केंद्रीय बजट 2025 की तैयारी कर रहा है, तो व्यवसाय, व्यक्ति और अन्य सभी करदाता वर्तमान कर व्यवस्था के सरलीकरण की उम्मीद कर रहे हैं। निर्मला सीतारमण ने खुद केंद्रीय बजट 2024 पेश करते हुए इसकी शुरुआत की। उन्होंने आयकर अधिनियम 1961 की समीक्षा करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य अधिनियम को सरल बनाना, इसे स्पष्ट, पढ़ने और समझने में आसान बनाना है।

क्या आयकर अधिनियम, 1961 समाप्त हो जाएगा?

निर्मला सीतारमण ने समग्र कर व्यवस्था में इस तरह से बदलाव और सरलीकरण करने की भी घोषणा की, जिससे मुकदमेबाजी में भारी कमी आए और अनुपालन बोझ न बने। उन्होंने यह भी घोषणा की कि आयकर अधिनियम, 1961 को छह महीने के भीतर प्रत्यक्ष कर संहिता से बदल दिया जाएगा।

प्रत्यक्ष कर संहिता

प्रत्यक्ष कर संहिता का मसौदा पहली बार 2009 में तैयार किया गया था, जिसमें अनुपालन को सरल बनाने के लिए कई नए प्रावधान किए गए थे। वित्त मंत्री की औपचारिक घोषणा के बाद, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए एक आंतरिक समिति और 22 विशेष उप-समितियों का गठन किया।

सभी हितधारकों और विशेषज्ञों को बदलावों के सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया और आयकर विभाग को 6,500 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। अधिकांश लोगों ने सरकार को भाषा सरलीकरण, अनुपालन में कमी, मुकदमेबाजी में कमी और अनावश्यक प्रावधानों को हटाने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।

हालांकि, इसे लागू नहीं किया गया और पुरानी कर व्यवस्था अभी भी लागू है, बावजूद इसके बोझिल प्रावधानों को बदलने की लगातार मांग की जा रही है।

आयकर अधिनियम, 1961 में 23 अध्यायों में 298 धाराएँ हैं। ये व्यक्तिगत आयकर, कॉर्पोरेट कर और प्रतिभूति लेनदेन कर के मुद्दों को संबोधित करती हैं।

नई आयकर व्यवस्था क्यों?

विश्लेषकों का मानना ​​है कि प्रत्यक्ष कर संहिता में किए गए अधिकांश प्रावधानों के साथ एक नया आयकर विधेयक तैयार है और वित्त मंत्री द्वारा बजट सत्र के दौरान इसे संसद में पेश किए जाने की संभावना है। इससे प्रावधानों में लगभग 60% की कमी आएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह विधेयक मौजूदा आयकर अधिनियम की भाषा और प्रावधानों को सरल बनाएगा, इसे और अधिक सरल, सुस्पष्ट और समझने में आसान बनाएगा। इससे अनुपालन बोझ और मुकदमेबाजी कम होगी, क्योंकि कर अनुपालन पर अध्यायों की संख्या कम होगी। वित्त मंत्री द्वारा फरवरी में बजट सत्र के पहले दिन केंद्रीय बजट 2025 पेश किए जाने की संभावना है।