Utpanna Ekadashi 2025: जाने कब हैं उत्पन्ना एकादशी, इस दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए आपको ये काम, नहीं तो लगेगा...
- byShiv
- 14 Nov, 2025
इंटरनेट डेस्क। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है। इस दिन किया गया उपवास और पूजा आपको कई पापों से मुक्त करती हैं। ऐसे में अब मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि आने वाली हैं, जिसे उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन एकादशमी माता उत्पन्न हुई थीं, इसलिए इस व्रत का नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा।
इस व्रत का हैं विशेष महत्व
कई भक्त इस दिन से पूरे साल रखने वाले एकादशी व्रत की शुरुआत करते हैं। इस साल यह व्रत शनिवार 15 नवंबर को रखा जाएगा। इस दिन भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने से अनजाने में किए गए पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
उत्पन्ना एकादशी व्रत का समय
व्रत आरंभ -शनिवार 15 नवंबर, मध्यरात्रि 12.49 बजे।
व्रत समाप्ति- रविवार 16 नवंबर, मध्यरात्रि 2.37 बजे।
पारण का समय- 16 नवंबर को दोपहर 1.10 बजे से 3.18 बजे तक।
नहीं करें इस दिन ये गलतियां
चावल का सेवन नहीं करें
एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित है। इसके बजाय सात्विक भोजन जैसे कुट्टू, साबूदाना और सिंघाड़ा लिया जा सकता है।
तामसिक चीजों का सेवन न करें
इस दिन लहसुन, प्याज, मांस और शराब का सेवन पूरी तरह मना है। दशमी से द्वादशी तक घर में इन्हें रखना भी व्रत की पवित्रता को नुकसान पहुंचाता है।
ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक
एकादशी के दिन शारीरिक और मानसिक शुद्धि जरूरी है। क्रोध, झगड़ा या बुरे विचार से दूर रहें और भगवान विष्णु का नाम जप करें।
pc- jagran.com






