Rajasthan Crime News: दो लाश,उसके इकतीस टुकड़े,इकतीस गोलियों के घाव,इकतीस कब्रों के इर्द गिर्द की गई खतरनाक प्लानिंग

डेस्क न्यूज। जयराज की दुनियां में एक ही लब्ज़ कानों में गूंजा करता है,खून का बदला खून से ही लिया जाता है। यहां संयोग यह रहा कि,इसमें अपराधियों ने एक लाश के इकतीस टुकड़े इकतीस गोलियां और इकतीस संधिग्धों की पुलिस तीन मास से खोजबीन कर रही है। यह क्राइम बुलंदशहर की है। जो कि राष्ट्रीय राजधानी से चंद किलोमीटर की दूरी पर है।
पुलिस बताती है कि दो गुटों के बीच किसी बात को लेकर आपसी विवाद हो गया था। इसकी परिणति एक डॉक्टर के सनसनी खेज मर्डर से हुई थीं। पुलिस कहती है की मृतक डॉक्टर कि इमेज अपराधिक नहीं थी। मगर जब पुलिस को पोस्मार्टम की रिपोर्ट मिली तो उनकी आंखें खुली की खुली रह गई।
पड़ताल में जुटी टीमों के सामने सवाल इस बात का हो गया था कि जब इंसान एक या दो गोलियों से ही ढेर हो जाता है तो डॉक्टर पर आखिर इकत्तीस गोलियां क्यों दागी गई। यह सवाल उलझा हुवा था। फिर पुलिस ने पड़ताल की सारी दिशाएं कुरेद कर रख दी थी।
मृतक के परिजनों और रिश्तेदारों के बयान लिए गए। मगर कोई भी संदिग्ध नहीं मिला। मारे मजबूरी के उन्होंने मरने वालों के परिजनों और मित्र मंडली के फिर से बयान लिए गए । इस बार भी पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। बरहाल इस बार कई दिनों की मेहनत के बाद पुलिस को कुछ क्लू मिले। इन सभी को जोड़कर एक बात सामने आई,
सूत्र बताते है कि परिजन बेशक इस वारदात को लेकर चुप है,मगर पक्की बात यह हो सकती है कि रंजिश का कोई ना कोई एंगल इसी फैमली में ही छुपा हुवा है।
पुलिस के सामने सौ टके का सवाल। बहुत ही फंसा हुवा सवाल। पहली बात यह थी कि डॉक्टर शादाब की यदि किसी से रंजिश नही थी तो यह वारदात उनके करीबियों की जा स कती है। यहां पुलिस के पास कुछ संदिग्ध लोगों की लिस्ट थी।। जिन्हें खंगाला जा सकता है। सच में इस दिशा में प्रयास पुलिस के स्तर पर हो रहे है। मगर यहां पुलिस की किस्मत काम नहीं कर रही है। यहां एक बात सही मानी जा सकती है।
आगे की स्टोरी इस तरह घूमी कि पुलिस को यहां बैक फुट पर जाना पड़ गया है। इसी के चलते पुराने तथ्यों को फिर से कुरेदना शुरू कर दिया। इस पर जानकारी मिली कि हापुड में इरफान नाम से एक सक्स का भी मर्डर मार्च माह में हुवा था। उसकी लाश के भी इकतीस टुकड़े किए गए थे। अपराधियों ने इन टुकड़ों को अलग अलग स्थानों पर जमीन में दफनादिया था। यहां पुलिस को यह भी पता चला कि हापुड में इरफान की हत्या बुलंद शहर में इकतीस गोलियां मार कर ही की गई थी। पुलिस को पड़ताल में जानकारी मिली कि इस केस में डॉक्टर शादाब के भाई और उसके भाइयों का नाम आ रहा था। कहने को पुलिस के पास तथ्य तो मिले थे। मगर सबूतों को कमी थी। इसी के चलते अब तक कोई गिरफ्तारी नही हो सकी। एक बात और, पुलिस के करीब पहुंच चुकी है।अपराधियों के लिए हथकड़ियां इनकार कर रही है।