Rajasthan: दुनियां में आने से पहले जीने का हक छीना,लाशों के कहर से समूचा गांव कांप उठा

जयपुर से सत्तर किलोमीटर दूर,छपाया गांव की खुशियों को ग्रहण लग गया है। सुबह भोर होते ही खेतों की ओर बढ़ते कास्तकारों के कदम। पालतू जानवरों के गले में बंधी घंटियों से निकलता मधुर स्वर और खूरों से उठती धूल। दूध खरीदने वाली डेयरी की गाड़ियों के इंजन की तेज आवाज। हंसी खुशी का माहौल।भोर होने का स्वागत करते छाछ बिलोने का स्वर। मगर आज का माहोल। कितना बेबस .......! तभी सुनाई देने लगी मोटर साइकिल की भर.....भर करती आवाज। इसके साथ ही,महिलाओं के रोने की चीखे, नाजाने किस बात का संकेत कर रही थी। अनिष्ठ घोर अनिष्ठ .......! गांव के बुजुर्गो के कदम,पूरी रफ्तार के साथ
कालू के घर की ओर बढ़ गए। मामले का खुलासा होता कि तभी सरकारी एंबुलेंस दिखाई देंगे लगी थी। गांव की महिलाएं और बुजुर्ग। एंबुलेंस की ओर, रोते पीटते बढ़ गए। हुवा क्या….....! जवाब देगा कोई। मगर नहीं। झुर्रियों में घंसी तिकड़ी दार आंखें। एंबुलेंस के गेट की ओर बढ़ गए…....! कौन बीमार। हुवा क्या। गांव का छोटा नाथू,एंबुलेंस के साथ ही था। बोलने का साहस उसमें भी नहीं था। फूट फूट कर तो पड़ा। फिर तभी एंबुलेंस का पिछला गेट खुला। जिसने देखा वही,बस देखता ही रह गया। एक एक करके पांच लाशें उतारे जाने की तैयारियां की जाने लगी। पूरा गांव भरी भीड़ में तब्दील हो गया। तभी पंच साहब का मुरझाया चेहरा दिखाई दिया। लाशें ठहर गई। तय किया की इन्हें वहां नहीं उतरा जाय। इसकी बजाय इन्हें सीधा शमसान पहुंचाया गया। गांव की तीन बेटियों और उनके दो बच्चों को जब गाड़ी से बाहर निकाला,तो हर किसी की आंखें नम हो गई। बड़ी सारी चिता बनाई गई। सभी का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। चिताओं की उठती लपटें वेग पकड़ती कि मृतकाओ का भाई बनवारी वहां पहुंच गया। थाने की पुलिस भी वहां पहुंच गई। बनवारी ने अपनी बहन के ससुराल वालों के खिलाफ दहेज हत्या का केश दर्ज करवा दिया।
इस ह्रदय विरादक हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई थी। मगर दो जिंदगियों के जीने का हक छीन लिया। अफसोस.......! ये दोनो बच्चे तो इस दुनियां में आने वाले थे। तीन बहनों में सबसे बड़ी काली देवी के जहां दोनों बच्चों ने कुआं में ही दम तोड़ दिया। उसकी छोटी बहन ममता आठ माह की गर्भवती थी। कमलेश भी नौ माह में चल रही थी।
दूदू के नरेना रोड के पास सत्तर फूट गहरे कुवेn से तीन सगी बहनों के साथ दो बच्चों के शवों को बाहर निकलने में टीम को पांच घंटे का समय लग गया। मृतकाओं के पिता सरदार मीना निवासी छप्पा ने आरोप लगाया की ससुराल वाले उनकी बेटियों को दहेज के लिए परेशान किया करते थे। शराब पीकर उनसे मारपीट भी करते थे। आरोपी नरसी राम,मुकेश मीना,जगदीश, सास संतोष,जेठानी मीनू मीना के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
घटना की जानकारी के बाद विधायक बाबूलाल नागर, उप खंड अधिकारी,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिनेश शर्मा, सांभर के सीओ,तहसीलदार सहित पास पड़ोसी पुलिस थानों का स्टाफ मौजूद था।